H1B वीजा के अलावा O1 और L1 विकल्प: जानें फीस, योग्यता और ट्रम्प की नई कूटनीति का असर

अमेरिका में काम करने के लिए H1B वीजा ही क्यूँ सबसे चर्चित है — और अब जब H1B पर नए शुल्क और नियम लागू हो रहे हैं — तो लोग और कंपनियाँ O1 और L1 वीजा की ओर अधिक मुड़ रहे हैं। वहीं, ट्रम्प प्रशासन ने विदेश नीति और वीजा प्रबंधन दोनों में अपने निशान छोड़े हैं। आइए जानें ये विकल्प क्या हैं, उनकी फीस कितनी है, और ट्रम्प की कूटनीति इस क्षेत्र को कैसे प्रभावित कर रही है।

H1B वीजा — मूल विकल्प और चुनौतियाँ

H1B वीजा उन पेशेवरों के लिए है जिनके पास किसी विशेष “specialty occupation” में काम करने का प्रस्ताव हो। आमतौर पर इसमें स्नातक डिग्री या उससे अधिक की विशेषज्ञता माँगी जाती है।

हाल ही में ट्रम्प प्रशासन ने H1B वीजा पर एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है: नए H1B वीजा आवेदनों पर $100,000 शुल्‍क लगाने की घोषणा की गई है। यह शुल्क नए आवेदनकर्ताओं पर लागू होगा, न कि उन लोगों पर जिनके वीजा पहले से स्वीकृत हैं।

इसका प्रभाव काफी हद तक उन लोगों पर देखने को मिलेगा जो लोग काम वेतन वाले नए वर्कर्स हैं उन्हे कम्पनियाँ H1B वीजा पर नहीं लाएगी। जिससे O1 और L1 वीजा को ज्यादा अहमियत देंगे।

H1B वीजा की अन्य फीस और खर्चों में शामिल हैं:

  • फाइलिंग शुल्क (Form I-129) — यह अनिवार्य शुल्क है जब नियोक्ता वीजा के लिए आवेदन करता है।
  • अन्य शुल्क जैसे Fraud Prevention Fee, ACWIA शुल्क आदि — जो नियोक्ता द्वारा देना होते हैं।
  • वीजा स्टैम्पिंग शुल्क (MRV fee) — वीजा स्टैम्प लेने के लिए आवेदनकर्ता को देना होता है।

O1 वीजा — “विशेष योग्यता” वालों के लिए विकल्प

O1 वीजा उन व्यक्तियों को दिया जाता है जो “extraordinary ability” प्रदर्शित कर चुके हों — विज्ञान, कला, शिक्षा, व्यवसाय या एथलेटिक्स में। यह नामुमकिन नहीं है लेकिन मानदंड बहुत उच्च होते हैं।

कुछ प्रमुख बातें:

  • O1 वीजा पर कोई वार्षिक कोटा नहीं है (lottery नहीं होती) — इसका मतलब यह है कि किसी भी समय आवेदन किया जा सकता है।
  • H1B की तरह 6 वर्ष की सीमा नहीं होती — O1 को एक वर्ष की अवधि में बढ़ाया जा सकता है, और कई बार बढ़ाया जा सकता है।
  • O1 वीजा की औसत लागत H1B की तुलना में काफी कम पड़ सकती है — एक रिपोर्ट के अनुसार O1 वीजा की औसत लागत लगभग $12,000 है, जो H1B वीजा की लागत का एक आठवां हिस्सा है।

O1 वीजा उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो अपने क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर चुके हैं — जैसे अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार, प्रकाशन, मीडिया कवरेज या अन्य मान्यता।

L1 वीजा — कंपनी ट्रांसफर के लिए

L1 वीजा उन कर्मचारियों के लिए है जो एक ही कंपनी के विदेशीय शाखा या ऑफिस से U.S. ऑफिस में ट्रांसफर होते हैं। यह विशेष रूप से उन कंपनियों के लिए उपयोगी है जो विदेशी कार्यालयों से अमेरिका में स्टाफ भेजना चाहती हैं।

  • L1 वीजा में भी वार्षिक कोटा नहीं है।
  • L1 की लागत H1B की तुलना में बहुत कम हो सकती है — कुछ रिपोर्टों के अनुसार औसतन ~$7,000।
  • L1 वीजा “इन्ट्रा कंपनी ट्रांसफर” वीजा है — इसलिए उम्मीदवार पहले से उस कंपनी में काम कर रहे होने चाहिए (कम से कम एक वर्ष)।
  • L1 वीजा की अवधि आमतौर पर 3 वर्ष से शुरू होती है और बाद में बढ़ाई जा सकती है।

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कौन किसे चुनें?

वीजा प्रकारउपयुक्तताकोटा / Lotteryअवधि / विस्तारलागत अपेक्षाएँ
H1Bआम पेशेवर नौकरीवार्षिक कोटा और lotteryअधिकतम 6 वर्षऊँची (शुल्क अनेक)
O1extraordinary individualsकोई कोटा नहींअव्यवस्थित विस्तारमध्यम लागत
L1कंपनी ट्रांसफर स्टाफकोई कोटा नहीं3 वर्ष + विस्तारहल्की लागत

अगर आप पहले से एक कंपनी में काम कर चुके हैं और वह कंपनी आपको U.S. कार्यालय में भेज सकती है — L1 एक बेहतर विकल्प हो सकता है। यदि आपने अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट पुरस्कार, प्रकाशन या अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त की है — तो O1 निवेश करने योग्य विकल्प हो सकता है। H1B मुख्यधारा का विकल्प है लेकिन नए नियमों की चुनौतियाँ बढ़ रही हैं।

ट्रम्प की कूटनीति (Diplomacy) और वीजा नीतियों पर उसका प्रभाव

डोनाल्ड ट्रम्प की विदेश नीति और कूटनीति अक्सर विवादित रही है — और अब नौकरी व वीजा नीतियाँ भी उसका एक हिस्सा बनती दिख रही हैं। हाल ही में ट्रम्प ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाषण देते हुए देशों को अपनी सीमाएं बंद करने और विदेशी प्रवासियों को निर्वासित करने का आह्वान किया।

विशेष रूप से, H1B वीजा पर नए $100,000 शुल्क लगाने का कदम उसकी “पहले अमेरिका” नीति का हिस्सा माना जा रहा है। इसके पीछे उद्देश्य यह दिखाना है कि विदेशी श्रमिकों को सरलता से वीजा नहीं मिलना चाहिए — और अमेरिका के नागरिकों को प्राथमिकता दी जाए।

इस नए शुल्क की घोषणा के बाद, टेक कंपनियों और वर्कर्स ने चिंता व्यक्त की है कि इससे प्रतिभाशाली लोगों को अमेरिका जाना और अधिक महंगा और मुश्किल हो जाएगा।

इसके अलावा, भारत की सरकार ने अमेरिकी प्रशासन के साथ बातचीत की है ताकि यह शुल्क सिर्फ नए H1B आवेदनों पर लागू हो और मौजूदा वीजा धारकों को राहत मिले।

निष्कर्ष

ट्रम्प की कूटनीति और उसकी वीजा नीतियाँ यह संकेत देती हैं कि अमेरिका विदेशी कामगारों पर नियंत्रण बढ़ाना चाहता है। यदि आप अमेरिका में काम करना चाहते हैं, तो अब समय है कि आप सही वीजा विकल्प चुनें और नई नीतियों का अध्ययन करें।

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