UP Outsourcing Policy 2025: योगी सरकार के फैसले से हरदोई के 3 हजार आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को राहत, अब नहीं होगा उत्पीड़न

इस नीति के तहत, उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम लिमिटेड (UPOSL) की स्थापना की गई है, जो एक गैर-लाभकारी सार्वजनिक कंपनी है। यह निगम सरकारी विभागों में आउटसोर्स एजेंसियों का चयन और प्रबंधन करेगा, जिससे चयन प्रक्रिया पारदर्शी और केंद्रीकृत होगी। 

इस नीति का उद्देश्य आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करना और सेवा में सुधार करना है। हालांकि, कुछ विपक्षी दलों ने इसे संविदा श्रमिकों के अधिकारों का हनन बताते हुए विरोध किया है। जिससे फैसले को बदला जा सके। 

हरदोई के 3 हजार कर्मचारियों को मिली बड़ी राहत

हरदोई के 3 हजार आउटसोर्स कर्मचारियों को यूपी सरकार की नई नीति के तहत बड़ी राहत और सुविधा मिली है। अब उन्हें बेहतर वेतन, सामाजिक सुरक्षा और नियमित सेवा के साथ सम्मान की दृष्टि से देखा जायेगा। खास बात यह है कि पहले जिन कर्मचारियों को अस्थायी और अनियमित वेतन मिलता था, अब उन्हें हर महीने निश्चित समय पर ₹16,000 से ₹20,000 तक वेतन मिलेगा। इसके अलावा, कर्मचारी भविष्य निधि (PF) और ईएसआई (ESI) जैसी सुविधाएं का भी लाभ ले सकेंगे, जो पहले नहीं मिलती थीं।

हरदोई के 3 हजार कर्मचारियों के लिए यह फैसला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आयेगा। अब उन्हें काम की अनिश्चितता से राहत मिली है. वे अपने परिवार की अच्छे से देखभाल कर सकेंगे। इसके साथ ही महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश और दिव्यांगजन, एससी/एसटी वर्ग के लिए आरक्षण का भी प्रावधान रखा गया है, जिससे हर वर्ग के लाभार्थियों को बराबरी का मौका मिलेगा।

कर्मचारियों को उत्पीड़न से कैसे मिलेगी मुक्ति

  1. अनिश्चित वेतन और बकाया भुगतान

पहले आउटसोर्स कर्मचारियों को वेतन का कोई समय सीमा निर्धारित नहीं रहती थी। कई बार महीनों तक वेतन बकाया रहता था, जिससे उनकी घरेलु स्थिति सही नही रहती थी।

  1. कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं
    कर्मचारी भविष्य निधि (PF), ईएसआई (ESI) जैसी बेसिक सुविधाएं नहीं दी जाती थीं। बीमारी या दुर्घटना की स्थिति के समय में उन्हें कोई सरकारी मदद भी नहीं मिलती थी।
  2. भय का माहौल और मनमानी सेवा समाप्ति
    कर्मचारी बिना किसी ठोस वजह के अचानक सेवा से निकाले जा सकते थे। उत्पीड़न, मनमानी और दुर्व्यवहार Normal था। कोई ठोस grievance redressal व्यवस्था भी नहीं थी।
  3. आरक्षण का अभाव
    सामाजिक वर्गों (SC/ST/OBC/EWS/दिव्यांगजन) के लिए कोई निश्चित आरक्षण नहीं था, जिससे एक समान अवसर नहीं मिल पाते थे।

यूपी आउटसोर्सिंग पॉलिसी 2025 के मुख्य फायदे

नौकरी की सुरक्षा
कर्मचारियों को तीन साल की निश्चित अवधि के लिए नियुक्ति मिलेगी। मनमानी पर रोक लगेगी। नियमित चयन प्रक्रिया होगी जिससे Continuity बनी रहेगी।

समय पर वेतन का भुगतान
हर महीने वेतन तय समय (1 से 5 तारीख के बीच) में सीधे बैंक खाते में जमा होगा। इससे आर्थिक तंगी की समस्या खत्म होगी।

सामाजिक सुरक्षा (PF और ESI)
सभी आउटसोर्स कर्मचारियों को कर्मचारी भविष्य निधि (PF) और स्वास्थ्य बीमा (ESI) का समचुत लाभ मिलेगा, जिससे वे बीमारियों या दुर्घटना और आपातकालीन की स्थिति में सुरक्षित रहेंगे।

कार्यस्थल पर सम्मानजनक व्यवहार
उत्पीड़न रोकने के लिए grievance redressal नियम लागू होगा। कर्मचारी अपने अधिकारों की सुरक्षा के लिए शिकायत दर्ज कर सकेंगे।

मातृत्व अवकाश एवं अन्य लाभ
महिला लाभार्थियों को मातृत्व अवकाश मिलेगा। साथ ही अन्य सामाजिक लाभ भी मिलेगा।

पारदर्शी चयन प्रक्रिया
नियुक्ति केवल लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर होगी। मनमानी नियुक्तियों की जगह नही होगी उनकी जगह योग्यता आधारित चयन प्रक्रिया होगी।

न्यूनतम वेतन मानक
प्रत्येक कर्मचारी को न्यूनतम ₹16,000 से ₹20,000 मासिक वेतन मिलेगा, जो उनकी जीवन स्थिति को सुरक्षित बनाएगा।

भविष्य में कर्मचारियों और राज्य को क्या लाभ होगा

  1. मनोबल और आत्मविश्वास में वृद्धि
    जब कर्मचारियों को समय पर वेतन, सामाजिक सुरक्षा और सम्मानजनक व्यवहार मिलेगा, तो उनका आत्मविश्वास और कार्य करने की क्षमता बढ़ेगी।
  2. लंबी अवधि की स्थिरता
    तीन साल की निश्चित नौकरी से कर्मचारियों को Future की चिंता कम होगी। इससे वे अपने परिवार और बच्चों की शिक्षा व स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान दे पाएंगे।
  3. सामाजिक सुरक्षा और बेहतर जीवन स्तर
    PF, ESI और मातृत्व अवकाश जैसी सुविधाओं से उनका सामाजिक और आर्थिक जीवन सुरक्षित होगा। जिससे वो सम्मानजनक जीवन जियेंगे.

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राज्य/सरकार के लिए लाभ:

  1. बेहतर प्रशासनिक कार्यक्षमता
    जब कर्मचारी खुश और संतुष्ट होंगे तो वे काम को और जिम्मेदारी से करेंगे। इससे सरकारी योजनाओं का सुचारु रूप से निर्वहन होगा।
  2. भ्रष्टाचार और अनियमितता में कमी
    पारदर्शी चयन और वेतन भुगतान की प्रक्रिया से बिचौलियों और मनमानी भर्तियो पर रोक लगेगी। इससे सिस्टम पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त बनेगा।
  3. युवाओं को रोजगार के अवसर
    बड़ी संख्या में आउटसोर्सिंग के जरिए युवाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा, जिससे बेरोजगारी दूर होगी और सामाजिक स्थिरता बढ़ेगी।
  4. राज्य की सकारात्मक छवि
    जब सरकार अपने कर्मचारियों का ख्याल रखेगी तो उसकी छवि “कल्याणकारी राज्य” के रूप में मजबूत होगी। इससे Investment और विकास की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।

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