CM Yogi Swadeshi Mela 2025: दिवाली से पहले हर जिले में लगेगा ‘स्वदेशी मेला’, खादी पर 25% छूट लेकिन सवाल भी कई

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने दिवाली से पहले राज्यवासियों को एक खास तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया है कि इस बार दिवाली से पहले हर जिले में ‘स्वदेशी मेला’ आयोजित किया जाएगा, जिसमें खादी और ग्रामोद्योग की वस्तुओं पर 25% तक की छूट मिलेगी।

यह कदम सिर्फ स्थानीय कारीगरों और छोटे व्यवसायियों के लिए ही नहीं अवसर साबित होगा बल्कि उपभोक्ताओं को भी सस्ते दाम पर बेहतरीन स्वदेशी सामान खरीदने का मौका देगा।

क्यों खास है CM Yogi Swadeshi Mela 2025?

  1. हर जिले में आयोजन – अब किसी को मेले के लिए किसी भी बड़े शहर में जाने की जरूरत नहीं होगी, छोटे जिलों के लोग भी इसका फायदा उठा पाएंगे।
  2. खादी वस्तुओं पर 25% छूट – सरकार चाहती है कि लोग अधिक से अधिक स्वदेशी और खादी उत्पादों की ओर आकर्षित हों।
  3. कारीगरों को मंच – यह मेला बुनकरों, हस्तशिल्प कलाकारों और स्थानीय छोटे व्यवसायियों को अपनी कला और उत्पाद दिखाने का अवसर देगा।
  4. आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम – योगी सरकार का यह निर्णय प्रधानमंत्री के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को भी बढ़ावा देगा।

खादी और स्वदेशी वस्तुओं पर क्यों जोर?

खादी सिर्फ कपड़ा नहीं है , बल्कि भारत की आत्मनिर्भरता और स्वदेशी भावना का प्रतीक है। महात्मा गांधी से लेकर आज तक खादी को आत्मसम्मान और स्वावलंबन से ही जोड़ा जाता है।

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  • खादी वस्त्र पर्यावरण के अनुकूल हैं।
  • ग्रामीण कारीगरों और महिलाओं को रोजगार मिलता है।
  • देशी उत्पादों की मांग बढ़ती है जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होती है।

मेले से किसे होगा फायदा?

✅ आम जनता

लोगों को कम दाम पर शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण स्वदेशी उत्पाद मिलेंगे।

✅ कारीगर और शिल्पकार

मेले में हजारों कारीगर अपनी कला को सीधे ग्राहकों तक पहुंचा पाएंगे। इससे उनकी आय बढ़ेगी।

✅ स्थानीय अर्थव्यवस्था

छोटे उद्योग और ग्रामोद्योग को नया बाजार मिलेगा जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

निष्कर्ष

CM Yogi Swadeshi Mela 2025 दिवाली से पहले यूपी की जनता के लिए एक शानदार पहल है। इससे

  • आम जनता को सस्ते दाम पर स्वदेशी उत्पाद मिलेंगे।
  • कारीगरों और छोटे व्यवसायियों को बाजार मिलेगा।
  • खादी और ग्रामोद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

👉 सवाल यह है कि लोग कितनी गंभीरता से स्वदेशी उत्पाद अपनाते हैं। अगर जनता ने इसे खुले दिल से स्वीकार किया तो यह पहल यूपी की अर्थव्यवस्था और युवाओं के भविष्य दोनों के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है।

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