PhD Admission 2025: अब सीटों से दोगुने उम्मीदवारों को मिलेगा मौका, UGC का बड़ा फैसला
देशभर में शोध और उच्च शिक्षा से जुड़े छात्रों के लिए बड़ी खबर आई है। UGC (University Grants Commission) ने PhD Admission 2025 को लेकर नई नीति की घोषणा की है।
अब JRF (Junior Research Fellowship) और UGC NET पास उम्मीदवारों को पहले से दोगुना मौका मिलेगा।
पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया को आसान बनाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एक नोटिस में घोषणा की है कि शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से विश्वविद्यालयों द्वारा राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) के अंक स्वीकार किए जाएँगे। यूजीसी के इस फैसले से पीएचडी में प्रवेश पाने के इच्छुक छात्रों को राहत मिलेगी, जिन्हें पहले विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित कई प्रवेश परीक्षाएँ देनी पड़ती थीं।
आयोग की आधिकारिक सूचना के अनुसार, एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के बाद, विश्वविद्यालय निकाय ने 13 मार्च को आयोजित अपनी 578वीं बैठक में यह निर्णय लिया।
इस बदलाव से , यदि किसी विश्वविद्यालय में 100 सीटें हैं, तो अब वहां 200 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा।
यह कदम न केवल पारदर्शिता बढ़ाने के लिए है, बल्कि इससे योग्य उम्मीदवारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का बेहतर अवसर मिलेगा।
क्या है UGC की नई PhD Admission 2025 Interview Policy?
UGC ने PhD Admission की प्रक्रिया को दो चरणों में बांटा है:
1️⃣ पहला चरण – शॉर्टलिस्टिंग:
JRF या UGC NET स्कोर के आधार पर उम्मीदवारों की लिस्ट तैयार की जाएगी।
2️⃣ दूसरा चरण – इंटरव्यू (Interview):
अब विश्वविद्यालयों को सीटों की संख्या से दोगुने उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए आमंत्रित करने की अनुमति दी गई है।
पहले जहां केवल उतने ही उम्मीदवारों को बुलाया जाता था जितनी सीटें थीं, अब यह नीति अधिक अवसर और निष्पक्षता को बढ़ावा देगी।
जरूरी क्यों था यह बदलाव?
कई बार ऐसे छात्र होते है जो केवल कुछ अंकों से ही पीछे रह जाते थे, और उन्हें इंटरव्यू में मौका नहीं मिल पाता था। लेकिन अब ये
नई नीति से अब इन छात्रों को भी अपनी योग्यता दिखाने का अवसर मिलेगा।
अब विश्वविद्यालयों के पास ज्यादा अधिक योग्य उम्मीदवारों में से बेहतर उम्मीदवारों को चुनने का विकल्प रहेगा।
जाने UGC का उद्देश्य क्या है?
UGC का मकसद है कि PhD Admission प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, निष्पक्ष और अवसरपूर्ण बनाया जाए।
इसके जरिए छात्रों में विश्वास बढ़ेगा और रिसर्च के प्रति रुचि में भी इजाफा होगा।
नई नीति से यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी प्रतिभाशाली उम्मीदवार केवल थोड़े अंकों के अंतर से पीछे न रह जाए।

शोध के क्षेत्र में बड़ा सुधार
यह निर्णय भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली में एक सकारात्मक सुधार की दिशा में कदम माना जा रहा है।
UGC का यह कदम देश के शोध माहौल को और मज़बूत करेगा।
अब PhD Admission प्रक्रिया न केवल आसान बल्कि प्रतिभा-आधारित और निष्पक्ष होगी।
निष्कर्ष
UGC द्वारा घोषित यह नई नीति PhD Admission 2025 के लिए छात्रों के लिए सुनहरा अवसर है।
अब उम्मीदवारों को परीक्षा में ही नहीं, बल्कि इंटरव्यू में भी अपनी क्षमता साबित करने का दोगुना मौका मिलेगा।
“हर सपना तभी सच होता है जब आप खुद पर भरोसा रखते हैं — और यह नीति आपके उस उस भरोसे को मौका देने के लिए है।” यह भी पढ़े CTET Notification 2025: सीटीईटी परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी, ऐसे करें आवेदन