Delhi High Court Latest News 2025

Delhi High Court Latest News 2025: दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं जो शिक्षा, पर्यावरण, नागरिक अधिकार तथा सार्वजनिक नीतियों पर गहरा प्रभाव डालेंगे। आइये जानते हैं दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा लिए गए उन निर्णयों के बारे में, जो आने वाले समय मे आम लोगों के जीवन को प्रभावित करेंगे।

DU चुनाव और उपस्थिति को अनिवार्यता

दिल्ली हाई कोर्ट की तरफ से यह निर्णय लिया गया है कि यदि किसी छात्र की कॉलेज में उपस्थिति 75% से कम है, तो वह दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र चुनाव में नामांकन नहीं कर पाएगा। यह फैसला हाई कोर्ट द्वारा शिक्षा संस्थानों में अनुशासन बढ़ाने हेतु लिया गया है। High Court के इस फैसले से छात्रों के बीच उपस्थिति का महत्व बढ़ेगा और छात्रो को कॉलेज-जीवन को गंभीरता से लेने के लिए प्रेरणा मिलेगी।

Signature View Apartments: खतरनाक स्थिति और आवास समस्या

Signature View Apartments की इमारतों को असुरक्षित घोषित किया गया है। क्योंकि दिल्ली हाई कोर्ट का कहना है की इमरते संरचनात्मक रूप से ठीक नहीं हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ी इमारतों की ध्वस्त करने की प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई है, लेकिन निवासियों को नोटिस दिया गया है कि वे 12 अक्टूबर 2025 तक Apartment को खाली कर दें।

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High Court ने यह भी आदेश दिया है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) उन निवासियों को किराया दे जो Apartment खाली कर रहें हैं। दिल्ली विकास प्राधिकरण के द्वारा एक कार्यालय खोला जाए जहाँ उन सभी पीड़ितों को दस्तावेजों से संबंधित मदद मिल सके।

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सरकारी अभियान: Student Safety और Anti-Ragging Measures की समीक्षा

दिल्ली हाई कोर्ट ने छात्र द्वरा आत्महत्या की बढ़ती हुई घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए शिक्षण संस्थानों से कहा है कि वे anti-ragging उपायों की स्थिति का जल्द से जल्द पुनः निरीक्षण करें। दिल्ली हाई कोर्ट ने सभी संस्थानों को यह सुझाव दिया है कि संस्थानों में हेल्पलाइन, मानसिक स्वास्थ्य जैसी सुविधाएँ और जागरूकता कार्यक्रमों में मजबूती बनाए रखें।

पब्लिक इंटरेस्ट फैसले: आम नागरिकों के अधिकार

दिल्ली हाई कोर्ट ने यहाँ तक कहा है कि एक कामकाज करने वाली पत्नी भी पति से maintenance का दावा कर सकती है यदि उसकी आय पति की आय की तुलना में कम हो और पत्नी की जीवनशैली में कोई परेशानी हो रही हो। तो इस मामले में पति को लगभग ₹1.5 लाख प्रति माह तक का भुगतान करने का आदेश अदालत के द्वारा दिया गया है।

एक अन्य मामला ट्रेडमार्क विवाद का है जिसमें दो बड़ी सीमेंट कंपनियों को कोर्ट ने कहा कि “Kawach” नाम के उपयोग पर आपसी समझौते के माध्यम से हल निकाला जाए। अदालत ने लंबी कानूनी लड़ाई की जगह मध्यस्थता को प्राथमिकता देने का सुझाव दिया। जिससे इस विवाद को आपसी समझौते के द्वारा आसानी से इसे हल किया जा सकता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

Delhi High Court के हाल के फैसले शिक्षा, निवास और सामाजिक न्याय के क्षेत्रों में एक विशेष मायने रखते हैं। अदालत के द्वारा लिए गए ये निर्णय केवल कानूनी दस्तावेज नहीं, बल्कि नागरिकों के जीवन पर प्रत्यक्ष प्रभाव डालने वाले हैं। यदि आप विद्यार्थी, शिक्षक, या सार्वजनिक हित के लिए काम करने वाले नागरिक हों, तो आपको इन निर्णयों के बारे में अपडेट रहना चाहिए।

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