Teachers Day 2025: दुनिया में 5 अक्टूबर और भारत में 5 सितंबर को क्यों मनाया जाता है?

जब भी सितंबर और अक्टूबर का महीना आता है, तो स्कूलों और कॉलेजों में एक अलग ही रौनक दिखाई देती है। बच्चे, छात्र और शिक्षक सभी एक खास दिन की तैयारी में जुट जाते हैं — शिक्षक दिवस (Teachers Day 2025)
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भारत में 5 सितंबर और दुनिया में 5 अक्टूबर को ही शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है? क्या दोनों का कारण अलग है? आइए जानते हैं इस खास दिन की असली कहानी और महत्व।

भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को क्यों मनाया जाता है?

भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teachers Day 2025) मनाया जाता है। यह दिन हमारे देश के महान दार्शनिक, विद्वान, और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के रूप में मनाया जाता है।

World Teachers Day 2025
World Teachers Day

डॉ. राधाकृष्णन कौन थे?

डॉ. राधाकृष्णन एक महान शिक्षक थे, बल्कि एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने शिक्षा को मानवता की आत्मा माना। उनका मानना था कि “शिक्षक वह नहीं जो छात्र के दिमाग में तथ्यों को भर दे, बल्कि वह है जो उसे सोचने की क्षमता दे।

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वे एक साधारण परिवार से थे लेकिन अपनी लगन, मेहनत और ज्ञान के बल पर भारत के राष्ट्रपति तक पहुंचे। जब वे राष्ट्रपति बने, तो उनके छात्रों और दोस्तों ने उनसे पूछा —
“सर, हम आपका जन्मदिन कैसे मनाएं?”
तो उन्होंने मुस्कुराकर कहा —
“अगर आप मेरा जन्मदिन मनाना चाहते हैं, तो इसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाइए।”

और तभी से 5 सितंबर भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

दुनिया में शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को क्यों मनाया जाता है?

अब बात करते हैं विश्व स्तर की। World Teachers’ Day हर साल 5 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिन UNESCO (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) द्वारा 1994 में घोषित किया गया था।

इस दिन की शुरुआत 1966 में पेरिस में हुई एक ऐतिहासिक बैठक से हुई थी, जहां “शिक्षकों की स्थिति संबंधी सिफारिशें (Recommendation concerning the Status of Teachers)” को अपनाया गया था।
इसका उद्देश्य था —

  • शिक्षकों के अधिकारों की रक्षा करना
  • शिक्षा प्रणाली में उनकी भूमिका को सम्मान देना
  • और वैश्विक स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना

इसलिए दुनिया भर में 5 अक्टूबर को “World Teachers’ Day” के रूप में मनाया जाता है, ताकि समाज में शिक्षकों के महत्व को पहचाना जा सके।

शिक्षक दिवस का असली महत्व

शिक्षक दिवस केवल एक औपचारिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह दिन हमें याद दिलाता है कि शिक्षक हमारी जिंदगी में कितनी बड़ी भूमिका निभाते हैं।
वे सिर्फ किताबें नहीं पढ़ाते, बल्कि हमें इंसान बनाते हैं, सही और गलत में फर्क करना सिखाते हैं।

एक अच्छा शिक्षक वह होता है जो अपने छात्रों के अंदर आत्मविश्वास, नैतिकता और सोचने की शक्ति जगाता है।
जैसा कि कहा जाता है —

भारत और दुनिया में शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है?

भारत में

  • स्कूलों में बच्चे शिक्षकों का रोल निभाते हैं।
  • विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  • शिक्षक और छात्र एक-दूसरे के साथ विशेष समय बिताते हैं।
  • शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है और उन्हें उपहार दिए जाते हैं।

विश्व स्तर पर

  • कई देशों में शिक्षक संघों द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  • शिक्षा के क्षेत्र में योगदान देने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है।
  • शिक्षकों के अधिकारों और सुविधाओं पर चर्चा की जाती है।

निष्कर्ष

भारत में 5 सितंबर को और दुनिया में 5 अक्टूबर को शिक्षक दिवस मनाया जाना — दोनों का मकसद एक ही है:
“शिक्षा और शिक्षकों का सम्मान।”

जहाँ भारत में यह दिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की स्मृति में मनाया जाता है, वहीं विश्व स्तर पर यह दिन शिक्षकों के अधिकारों और योगदान को सम्मान देने के लिए तय किया गया है।

इस दिन हमें उन सभी शिक्षकों को याद करना चाहिए जिन्होंने हमारे जीवन को दिशा दी है — चाहे वे स्कूल के टीचर हों, कॉलेज प्रोफेसर या जीवन के अनुभव सिखाने वाले माता-पिता।

“एक शिक्षक वो रोशनी है जो अंधेरे में भी हमें राह दिखाती है।”

तो इस शिक्षक दिवस पर अपने गुरु को धन्यवाद कहना न भूलें, क्योंकि उनके बिना हमारी कहानी अधूरी है।

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